۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
اسلامی خاندان

हौज़ा/ सुप्रीम लीडर ने फरमाया,इंसान को अपने घर वालों के साथ ख़ुश मिज़ाज होना चाहिए जिसमें हमारे बहुत से मोमिन और अच्छे लोग भी फंसे हुए हैं अच्छे लोग हैं लेकिन अपने बाल बच्चों के साथ बड़े चिड़चिड़े, तुनुक मिज़ाज और कठोर हैं कि जो बहुत ही बुरी चीज़ है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने फरमाया,इंसान को अपने घर वालों के साथ ख़ुश मिज़ाज होना चाहिए एक ऐसी मुसीबत है जिसमें हमारे बहुत से मोमिन और अच्छे लोग भी फंसे हुए हैं, अच्छे लोग हैं लेकिन अपने बाल बच्चों के साथ बड़े चिड़चिड़े, तुनुक मिज़ाज और कठोर हैं कि जो बहुत ही बुरी चीज़ है।

अगर आप सोचें और ग़ौर करें तो देखेंगे कि इस एक जुमले के पीछे कि, इंसान को अपने बाल बच्चों के साथ खुश अख़लाक़ होना चाहिए, गहरे राज़ छिपे हुए हैं।

अलबत्ता ये चीज़ ज़्यादातर मर्दों में पाई जाती है लेकिन कुछ औरतें भी ऐसी होती हैं मगर ये समस्या ज़्यादातर मर्दों में पाई जाती है जिनका रवैया घर में बाल बच्चों के साथ कभी कभी शिम्र की तरह होता है,

किसी और बात पर उनका मूड ख़राब है, किसी ने उनकी बेइज़्ज़ती की है, बुरा-भला कहा है, इसका ग़ुस्सा वो बाल बच्चों पर निकालते हैं।

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